Posts

बाबुल की चिड़िया

Image
अब बाबुल की चिड़िया  बड़ी हो गई है , अकेले सफर पर  निकल पड़ी है , आज निकली हैं, अपने घोंसले से अकेली  अनजाने लोगों के बीच  नए सफर की शुरुआत हैं, थोड़ा डर है  थोड़ी झिझक है  लेकिन एक नया  आत्मविश्वास है  आप पीछे मुड़ने का  कोई सवाल नहीं  अब आगे कदम बढ़ाते जाना हैं , खुद को आने वाली कठिनाइयों से बचाना है सम्हल सम्हल कर कदम बढ़ाना हैं  सपनों को पूरा  करते जाना हैं  ना झिझकना हैं  ना डरना‌ हैं  बस विश्वास से आगे बढ़ना हैं। हौसला बुलंद रखना है 

हिंदी दिवस

Image
रसों की रानी है हिन्दी संस्कृत की सहेली है हिन्दी  अलंकारों से अलंकृत है हिन्दी छंदों की छाया है हिन्दी संधि-समास का संगम है हिन्दी गद्य-पद्य का‌ मेल है हिन्दी हृदय‌ की अभिव्यक्ति है हिन्दी मेरी प्रिय भाषा है हिन्दी " तू गुरुर हैं मेरा,  तुझसे ही इस देश की शान है।    तुझको मेरा, साष्टांग दंडवत प्रणाम है।। "                  ‌                                   

आपदाएँ कितना कुछ सिखा जाती है...?

Image
 आपदाएँ !!  चाहे वो बाढ़ हो, तूफान हो, या भूकंप प्रकृति का प्रकोप होती है। हम अपना गुस्सा कैसे निकलते हैं वैसे ही प्रकृति भी अपना ग़ुस्सा इन्ही आपदाओं के जरिए निकलती है।  अगर प्रकृति में जुबान होती तो वो शायद ये बयां करती की तुम मनुष्यों ने मुझ पर कितना अत्याचार किया है। कितनी तकलीफ़े दी है कितना दर्द दिया हैं.................   असहनीय वेदना !!                                                                  पर वाह री प्रकृति!  तूने मनुष्यो को सबक सीखने का क्या नायाब तरीका ढूंढ निकाला है। लेकिन तेरी इन आपदाओं ने ना जाने कितने निरपराधों को मौत के घाट उतारा है। प्रकृति हर साल अपने रौद्र रूप में आकर अपनी अहमियत का अहसास करना चाहती है । लेकिन हम अहंकारी मनुष्य आपदाओं के जाते ही सब भूल जाते है और फिर से प्रकृति का दोहन शुरू कर दे...

उड़ान

Image
 घर के आँगन की रौनक, माँ की परछाई, पिता का गुरुर, भाई की कलाई की शोभा आदि न जाने कितनी उपमाएं दी है सबने बेटियों को। हमेशा बेटी को फूल सी नाजुक समझा, माना और बताया। पर बेटी से कभी किसी ने नहीं पूछा की तुझे कौन सी उपमा चाहिए ? बस हमेशा से बेटियों पर हक जताते रहे और क्यों न जताए आख़िर बेटी हो  तुम हमारे घर की।  पर मुझे नहीं पसंद बेटी होने की बंदिश। आज़ाद होना चाहती हूँ इस समाज की जंजीरों से। इस कलिष्ट मानसिकता वाले समाज की सोच से दूर जाना चाहती हूँ। दम घुटता हैं मेरा ! मन करता है सभ कुछ छोड़कर कही चली जाऊं। जहाँ सिर्फ शांति हो और कोई समाज की बंदिश न हो, एक ऐसी दुनिया की तलाश में हूँ जो मेरे हिसाब से मुझे जीने दे।  मुझे इस दुनिया की जंजीरो से आज़ाद होना है। आखिर कब तक यूँ ही सहती रहूंगी, घुटती रहूँगी, तड़पती रहूँगी। अब नहीं होता !!    मुझे बचपन से यही सिखाया गया है कि बेटियाँ हमेशा मर्यादा में रहती है, तुम्हे भी रहना होगा अन्यथा तुम्हे ये समाज चरित्रहीन करार देगा। पर अगर यही काम बेटे करें तो उनकी गलतियों पर पर्दा दाल दिया जाता है।  आखिर ये समाज की कै...

मेरा मुल्क मेरा देश

Image
                                                                                               देश प्रेम  इस देश ने हजारों वर्षों की ग़ुलामी देखी हैं ।  इस देश ने जवानों को रणभूमि में शहीद होते देखा हैं । इस देश ने भूख से बिलखते बच्चों की लाचारी देखी हैं । इस देश ने चंद पैसों के लालच में मानव को दानव बनाते देखा हैं । इस देश ने अपनी आन की रक्षा हेतु वीरांगनाओं को जौहर करते देखा हैं।  इस देश ने बूढ़े बाप के कंधे पर जवान बेटे का जनाजा उठते देखा हैं । इस देश ने एक माँ , एक बहन , एक बेटी के साथ अत्याचार होते देखा हैं।  इस देश ने एक सुहागन का सुहाग उजड़ते देखा है।  इस देश ने बहुत कुछ देखा है , पर अब यह देश बहुत कुछ कहना चाहता है -  ये देश ,कुर्बानी नहीं मा...

अपनी असीमित क्षमता को जागृत करें

Image
दोस्तों  ! जन्म के साथ ही हम असीमित क्षमताओं से परिपूर्ण होते है। लेकिन हमारी यह क्षमताएं  क्या समय के साथ क्षीण हो जाती हैं ? नहीं । हम अपनी सोयी हुई क्षमताओं को कभी जागृत ही नहीं कर पाते , हम केवल वही कार्य करते हैं जो हमें सिखाया जाता है ।जैसे हमें निर्देश प्राप्त होते हैं । हम उसी दिशा में आगे बढ़ने लगते हैं क्योंकि समय तेजी से निकल जाता है और आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में, जो कुछ और सोचने के लिए रुक गया, वह पीछे रह जाता है । यह मेरा नहीं हमारे समाज हमारे परंपराओं का मानना है और इसी भागदौड़ के चक्कर में हम अपने क्षमताओं का अवमूल्यन करना भूल जाते हैं और ताउम्र जीवन के मायाजाल में संघर्ष करते रहते हैं।  ऐसा क्यों होता है ? इसलिए कि हमने कभी शांत चित्त से एकाग्र होकर चिंतन मनन नहीं किया। यदि किया होता तो हम जान पाते हैं कि हम कितनी असीम संभावनाओं से परिपूर्ण है । हम में समर्थ है , क्षमता है , सब कुछ पाने की । हासिल करने की।  ।।बशर्ते हम चाहे तो ।। एक सकारात्मक व्यक्ति के तौर पर हमें चाहिए कि लगातार उस चीज‌ का ‌ , लक्ष्य  का,‌ चिंतन करते रहे जो हम पाना चाहते है...

ज़िन्दगी की कीमत पहचानो यारो !

Image
आपको क्या लगता है किसी इंसान की ज़िन्दगी की क्या कीमत होती है ? अनमोल !! हमारी ज़िन्दगी अनमोल है , पर हमें इस बात का ज़रा भी अंदाजा नहीं है की हम किस तरह अपनी ज़िन्दगी के साथ खेल रहे है | अब हमारे लिए इंटरनेट सबसे क़ीमती चीज हो गया है | अभी हाल ही में अखबार में खबर आयी की एक 14 साल के बच्चे ने घर में भी पंखे से लटक के ख़ुदकुशी कर ली | कारण सुनेंगे तो आप चौक जाएंगे , दरअसल बात सिर्फ इतनी सी थी की उस बच्चे को पबजी खेलने की लत लग गयी थी उसने अपना लोखड़ौन का ज्यादातर वक़्त पबजी खेलने में बिताया , और जब 1 महीने बाद जब उसके मोबाइल का इंटरनेट पैक ख़तम हो गया तो उसने अपनी माँ से बैलेंस डलवाने की ज़िद की तो फिर माँ ने समझाया की बेटा अभी नहीं डलवा सकते पैसो  की तंगी चल रही है  तुम थोड़ा सब्र रखो | पर  सब्र करना क्या होता है वो उसे बचपन से सिखाया ही नहीं गया | तो उसे आया गुस्सा,  की मेरी बात नहीं मानी जा रही , और बस जैसा उसने टीवी, फिल्मो में देखा होगा उसी तरह अपनी ज़िद मनवाने की सोची और कर ली ख़ुदकुशी !  मतलब हद होती है भई ! आज हम अपनी जान की कीमत ही भूलते जा रहे है | और ये ...

वो माँ-बाप ही होते है जो ज़िंदगीभर अपना फ़र्ज निभाते हैं

Image
वो माँ-बाप ही होते है जो ज़िंदगीभर अपना फ़र्ज निभाते हैं । नन्ही उंगलियों को थामकर चलना सिखाते है , तुम्हारी हर गलती पर डांट लगाते है , तुम्हारी देखभाल में खुद खाना भूल जाते है , तुम्हारे उज्जवल भविष्य के लिए पाई पाई बचाते है , वो माँ-बाप ही होते है जो ज़िंदगीभर अपना फ़र्ज निभाते हैं । तुम्हारे हर सपने की ख़ातिर अपनी ख़्वाहिशें भुलाते है , तुम्हारी एक मुस्कान के लिए न जाने कितने कष्ट उठाते है , तुम्हारी हर छोटी से छोटी जीत का जश्न मनाते है , तुम्हे अच्छे-बुरे की पहचान करना सिखाते है , वो माँ-बाप ही होते है जो ज़िंदगीभर अपना फ़र्ज निभाते हैं । तुम्हे जीवनपथ पर संघर्ष करना सिखाते है , जीवन के हर मोड़ पर राह दिखाते है , निराशा के पलों में वो ही तुम्हे संबल बंधाते है , जब रिश्ते-नाते,दोस्त सब साथ छोड़ जाते है , वो माँ-बाप ही होते है जो ज़िंदगीभर अपना फ़र्ज निभाते हैं । वो बदले में तुमसे जमीन जायदाद नहीं मांगते, धन दौलत मकान नहीं मांगते । बस चाहते है तुम्हारा थोड़ा सा प्यार,स्नेह और सम्मान !!!!

एक खत पिता के नाम

Image
प्यारे पापा !!  लोग कहते हैं मां से बड़ा सहनशील, धीरज धारण करने वाला कोई और नहीं होता क्यूंकि वो 9 महीने बच्चे को गर्भ में पालती है उसका भार उठाती हैं  | पर आज मैं कहती हूं पापा भी बड़े सहनशील होते हैं । पापा बहुत सहनशील और हिम्मत वाले होते हैं पापा कभी ज्यादा प्यार नहीं जताते पर वो सबकुछ सह जाते है |   तुम किस मिट्टी के बने हो पापा !!   तुम्हारी अपनी बच्चे जब तुम्हें बुरा भला कहते है तो तुम चुपचाप सुन लेते हो , सब कुछ सह जाते हो , क्यों ?  क्यूंकि तुम्हें पता है आज तुम्हारे बच्चों को यह नहीं भान  नहीं  कि वह जो कह रहे है अपने होशो आवाज़ में नहीं | तुम समझते हो , तुम सहते हो , उनकी हर हरकत को तुम झेलते हो क्योंकि तुम नहीं भूले  कि वह तुम्हारा अंश  है|   बचपन में वो तुम्हारी ऊँगली पकड़कर ही तो चलना सीखे थे ,बचपन में तुम्हारे कंधो से ही तो  दुनिया देखी थी | कितने नाजो से पाला था तुमने |  पर आज जब वही बच्चे तुम्हारे हर किये को भूल बैठे है |फिर भी तुम चुप हो ? कहां से लाते हो इतनी हिम...

मानसिक सेहत भी जरुरी है

Image
दोस्तों एक फ़िल्मी सितारा आसमान में ओझल हो गया |  आखिर क्या वज़ह  रही होगी की उसने सुसाइड की ? ये सोच कर ही दिमाग हिल जाता है की जिस फ़िल्मी सितारों की फिल्मे देखकर हम ज़िन्दगी की परेशानियों से निज़ात पाते है वही अपनी ज़िन्दगी की कीमत नहीं समझे !! ये तो सिर्फ एक मामला है जो रौशनी में आया है | ऐसे ना जाने कितने लोग रोज सुसाइड कर रहे है , ज़िन्दगी से निराश हो रहे है | आज हम लोग  शारीरिक सेहत के लिए जिम जाते है पर मानसिक सेहत का क्या ? उसके बारे में तो हमने जैसे सोचना ही छोड़ दिया है | आज हम केवल बाहरी दिखावे के लिए जी रहे है | हम रोज पॉजिटिव स्टेटस तो डालते है पर अंदर  ही अंदर हम नकारात्मक विचारो से भरे है | आज हम छोटी छोटी बातो पर गुस्सा हो जाते है, नाराज हो जाते है और ये सोचते ही नहीं की हम ऐसा क्यों कर रहे है |  कारण हमारी मानसिक सेहत का ख़राब होना ।  इसके कई कारण हैं - * जरूरत से ज्यादा ‌सोशल मीडिया का इस्तेमाल * परिवार ‌जनो से दूरी * निराशावादी रवैया दोस्तों ! आज का समय‌ प्रतिस्पर्धा का हैं । हम हर रोज तनाव झेलना रहे हैं , इस प्रतिस्पर्धा से जूझ रहे हैं। और ...

अब बस ! बहुत हुआ !!

Image
अब बहुत हुआ सहना,  अब बहुत हुआ रोना,  अब बहुत हुआ डरना,  अब बहुत हुआ चुप्पी साधना,  अब बहुत हुआ नजरें चुराना, अब वक्त है हिम्मत दिखाने का। अब वक्त है स्वाभिमान जगाने का। अब वक्त है नजरें मिलाने का।  अब वक्त है खुद के लिए जीने का। अब वक्त है हर बंदिश को तोड़ने का।  अब वक्त है अपने जज्बातों को बोलने का । अब वक्त है आसमान को छूने का। अब वक्त है  हौसलों   की उड़ान भरने  का ।