दोस्तों ! ना जाने क्यों हम अपने निर्णय पर अडिग नहीं रह पाते हैं, ना जाने क्यों हम अपनी की गई गलतियों को बार-बार दोहराते हैं, ऐसा एक बार नहीं कई बार होता है । हर बार गलती करना, फिर पश्चाताप । कि अगली बार यह गलती नहीं होगी , लेकिन फिर वही दोबारा; ऐसा सिर्फ आपके साथ ही नहीं, हर इंसान के साथ होता है। जो स्वयं में बदलाव नहीं ला पाता । दोस्तों ! जीवन ऐसा ही है । जिंदगी है - चलती रहेगी, हार-जीत, उतार-चढ़ाव, आते रहेंगे । हमें चाहिए; कि डटकर इनका सामना करें , हार ना माने । क्योंकि- " मन के हारे हार है मन के जीते जीत" पर क्या करें ? यह मन बड़ा बावरा है, मानता ही नहीं । हम हर रोज एक प्प्ज्ञा प्रतिज्ञा करते हैं कि आज ऐसा करेंगे, आज से एक नई शुरुआत करेंगे लेकिन शाम होते-होते, वह उत्साह, वह उमंग ठंडी पड़ जाती है तो आखिर हमेशा क्या करें ? अपने निर्णय के ऊपर, अपने लक्ष्यों को पर अडिग रह सकें और जीवन में सफलता प्राप्त कर सकें । आइए आज मैं आपको कुछ ऐसे ही शख्सियतों से मिलवा आती हूं जिनके बारे में हम सभी जानते हैं और आज से नहीं बचपन से जानते हैं डॉ एपीजे अब्दुल कलाम, सुपर थर्टी के आनंद