दोस्तों ! आज का समय प्रतिस्पर्धाओं का है ।आज हर कोई चाहता है कि वह शीघ्र सफलता प्राप्त करें। हर विद्यार्थी बहुत मेहनत करता है ,अपने सपनों को पाने की। लेकिन क्या जो सपना आप देख रहे हो या जिस लक्ष्य के पीछे आप मेहनत कर रहे हो क्या वाकई में वह स्वयं आपका है ? आज हमारे सपने हमारे नहीं रहे ।हम केवल दूसरों को दिखाने के लिए या अपने माता-पिता की खुशी के लिए सपने देखते हैं ,लक्ष्य बनाते हैं , और उन्हें पाने में जुट जाते हैं किंतु हम ये सोचते ही नहीं कि क्या वाकई में, मैं इस लायक हूं या मैं इतनी क्षमता रखती हूं कि इसे पा सकूं। आप खुद सोचिए क्या यह संभव है कि 10 अफसरों की कुर्सियों पर 50,000 लोगों को बैठाया जाए। नहीं ना फिर भी हर वर्ष लाखों लोग इन प्रतियोगी परीक्षाओं में अपनी किस्मत आजमाते हैं , कुछ यह सोचते हैं कि तुक्का लगा कर आ जाएंगे शायद सही निकल जाए । कुछ तो केवल दोस्तों की देखा देखी भर देते हैं पर उन सब में कुछ विरले ही होते हैं , जो यह ठान कर जाते हैं उन्हें परीक्षा पास करनी ही है और ऐसे लोग ही सफलता पाते हैं। ...