दोस्ती एक ऐसा रिश्ता जिसे हम खुद चुनते हैं। दोस्तों खून के रिश्ते तो भगवान बनाता है , लेकिन दोस्ती ही एक ऐसा रिश्ता है जिसकी डोर हमारे हाथ में होती है। कितना हसीन रिश्ता है, दोस्ती । ऊंच-नीच का कोई भेदभाव नहीं। न अमीरी गरीबी का कोई डर। दोस्ती केवल निस्वार्थ भाव से की जाती है। यह एक ऐसी भावना है जो हमें एहसास दिलाती है कि हम अपने दोस्त के लिए कितने खास हैं या हमारे दोस्त हमारे लिए कितना खास है। दोस्तों ! दुनिया में वह इंसान सबसे अकेला है , जिसका कोई दोस्त नहीं। क्योंकि दोस्ती ही जिंदगी है । दोस्ती जिंदगी के हसीन लम्हों की बारात हैं। दोस्तों ! जब हम किसी को अपना दोस्त मानते हैं , तो हम उससे यह आशा रखते हैं कि वह हमारे सुख-दुख में , हमारी तकलीफ में, हमेशा हमारे साथ खड़ा होगा । भले ही सारी दुनिया हमारे खिलाफ हो , भले ही सारी दुनिया के लोग हमारी काबिलियत को, या हमारे विचारों को ना समझे लेकिन दोस्त ऐसा इंसान होता है जो हम पर भरोसा रखता है। हम पर नाज़ रखता है। हमारे साथ होता है, वह हमेशा हमें भावनात्मक रूप से सबल देता है कि दोस्त तुम अकेले नहीं हो...