बाबुल की चिड़िया

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अब बाबुल की चिड़िया  बड़ी हो गई है , अकेले सफर पर  निकल पड़ी है , आज निकली हैं, अपने घोंसले से अकेली  अनजाने लोगों के बीच  नए सफर की शुरुआत हैं, थोड़ा डर है  थोड़ी झिझक है  लेकिन एक नया  आत्मविश्वास है  आप पीछे मुड़ने का  कोई सवाल नहीं  अब आगे कदम बढ़ाते जाना हैं , खुद को आने वाली कठिनाइयों से बचाना है सम्हल सम्हल कर कदम बढ़ाना हैं  सपनों को पूरा  करते जाना हैं  ना झिझकना हैं  ना डरना‌ हैं  बस विश्वास से आगे बढ़ना हैं। हौसला बुलंद रखना है 

ज़िन्दगी की कीमत पहचानो यारो !

आपको क्या लगता है किसी इंसान की ज़िन्दगी की क्या कीमत होती है ? अनमोल !!
हमारी ज़िन्दगी अनमोल है , पर हमें इस बात का ज़रा भी अंदाजा नहीं है की हम किस तरह अपनी ज़िन्दगी के साथ खेल रहे है | अब हमारे लिए इंटरनेट सबसे क़ीमती चीज हो गया है | अभी हाल ही में अखबार में खबर आयी की एक 14 साल के बच्चे ने घर में भी पंखे से लटक के ख़ुदकुशी कर ली | कारण सुनेंगे तो आप चौक जाएंगे , दरअसल बात सिर्फ इतनी सी थी की उस बच्चे को पबजी खेलने की लत लग गयी थी उसने अपना लोखड़ौन का ज्यादातर वक़्त पबजी खेलने में बिताया , और जब 1 महीने बाद जब उसके मोबाइल का इंटरनेट पैक ख़तम हो गया तो उसने अपनी माँ से बैलेंस डलवाने की ज़िद की तो फिर माँ ने समझाया की बेटा अभी नहीं डलवा सकते पैसो  की तंगी चल रही है  तुम थोड़ा सब्र रखो | पर  सब्र करना क्या होता है वो उसे बचपन से सिखाया ही नहीं गया | तो उसे आया गुस्सा,  की मेरी बात नहीं मानी जा रही , और बस जैसा उसने टीवी, फिल्मो में देखा होगा उसी तरह अपनी ज़िद मनवाने की सोची और कर ली ख़ुदकुशी ! 
मतलब हद होती है भई ! आज हम अपनी जान की कीमत ही भूलते जा रहे है | और ये केवल एक मामला नहीं है हर रोज हजारो लोग अपनी परेशानियों से घबराकर , तनाव , चिंता , गुस्से में आकर ख़ुदकुशी कर लेते है | यानी हमारे समाज के शूरवीरो ने हर परेशानी का एकमात्र हल निकाल लिया है वो है ज़िन्दगी  की ख़तम कर लेना. जो की एक जघन्य पाप है, अपराध है , कायरता है | 
आज दिन प्रतिदिन लोगो का मनोबल गिरता जा रहा  है | आज इन्सान ने अपनी ज़िन्दगी कौड़ियों के भाव कर दी है | क्या ये सही है ? बिलकुल नहीं | जिन भी लोगो को उम्र की किसी भी पड़ाव पर आत्महत्या जैसे ख्याल आए हो 
उनको मै दो बातें कहना चाहूंगी -
 सबसे पहली बात तो यह कि  ये हमेशा याद रखे की तुम्हारी  ज़िन्दगी पर तुम्हारा  एकमेव आधिकार नहीं है |  

तुम्हे जन्म दिया माँ ने || 
तुम्हे जीवन की सीख़ दी तुम्हारे पिता ने || 
तुम्हारी हर ख़्वाहिश को पूरा किया तुम्हारे माता-पिता  ने || 
तुम्हारा हर कदम पर साथ दिया  तुम्हारे जीवनसाथी ने || 
तुम्हारी मुश्किलों में सहायता की तुम्हारे दोस्तों ने || 
तुम्हे शिक्षा दी तुम्हारे शिक्षक ने || 

तो अब अपने आप को ज़वाब दो की जब एक नवजात को  वयस्क बनने में इतने सारे लोगो का कही न कही किसी न किसी रूप में योगदान है | तो हम भला कौन होते है अपनी ज़िन्दगी का इतना बड़ा फैसला खुद लेने वाले ??
हमें कोई अधिकार नहीं || 


दोस्तों ! जीवन कीमती है |  अमूल्य है |  एक इंसान चाहे तो पूरी मानवजाति के लिए मिसाल बन सकता है , या यु ही गुमनाम इस जीवन से अलविदा कह सकता है | अब ये आपके हाथो में है की इस ज़िन्दगी की कीमत समझकर इसे ज़िंदादिली से जीये या यु ही व्यर्थ कर दे || 

आपने आपको मजबूत बनाओ यार ! दृढ़ संकल्पित रहो | लक्ष्य बनाओ और उससे पूरा करने में जुट जाओ | 

ज़िन्दगी की कीमत पहचानो यारो !


 



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