बाबुल की चिड़िया

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अब बाबुल की चिड़िया  बड़ी हो गई है , अकेले सफर पर  निकल पड़ी है , आज निकली हैं, अपने घोंसले से अकेली  अनजाने लोगों के बीच  नए सफर की शुरुआत हैं, थोड़ा डर है  थोड़ी झिझक है  लेकिन एक नया  आत्मविश्वास है  आप पीछे मुड़ने का  कोई सवाल नहीं  अब आगे कदम बढ़ाते जाना हैं , खुद को आने वाली कठिनाइयों से बचाना है सम्हल सम्हल कर कदम बढ़ाना हैं  सपनों को पूरा  करते जाना हैं  ना झिझकना हैं  ना डरना‌ हैं  बस विश्वास से आगे बढ़ना हैं। हौसला बुलंद रखना है 

सामना करना होगा

संघर्षों का यह दौर है 

सामना तुमको करना होगा ।




संघर्षों का यह दौर है 

सामना तुमको करना होगा ।

आने वाली बाधाओं से 

डटकर तुमको लड़ना होगा।

दुखों की आंधियों में भी 

रुककर तुमको चलना होगा।

खुशियों की बहारों में भी

सोच समझ कर हंसना होगा ।

आने वाले भटकावों में

संभल-संभल कर बचना होगा। 

लालच, ईर्ष्या और बुराई से

बचकर तुमको चलना होगा ।

जन्म मृत्यु शाश्वत सत्य हैं

स्वीकार तुमको करना होगा।

जीवन की इस सच्चाई का

सामना तुमको करना होगा।

कर्तव्य पथ पर अडिग होकर 

दृढ़ता से तुमको चलना होगा।



मेघा मसानिया 


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