बाबुल की चिड़िया

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अब बाबुल की चिड़िया  बड़ी हो गई है , अकेले सफर पर  निकल पड़ी है , आज निकली हैं, अपने घोंसले से अकेली  अनजाने लोगों के बीच  नए सफर की शुरुआत हैं, थोड़ा डर है  थोड़ी झिझक है  लेकिन एक नया  आत्मविश्वास है  आप पीछे मुड़ने का  कोई सवाल नहीं  अब आगे कदम बढ़ाते जाना हैं , खुद को आने वाली कठिनाइयों से बचाना है सम्हल सम्हल कर कदम बढ़ाना हैं  सपनों को पूरा  करते जाना हैं  ना झिझकना हैं  ना डरना‌ हैं  बस विश्वास से आगे बढ़ना हैं। हौसला बुलंद रखना है 

अपनी क्षमता पहचानो

दोस्तों ! आज का समय प्रतिस्पर्धाओं का है ।आज हर कोई चाहता है कि वह शीघ्र सफलता प्राप्त करें। हर विद्यार्थी बहुत मेहनत करता है ,अपने सपनों को पाने की। लेकिन क्या जो सपना आप देख रहे हो या जिस लक्ष्य के पीछे आप मेहनत कर रहे हो क्या वाकई में वह स्वयं आपका है ? आज हमारे सपने हमारे नहीं रहे ।हम केवल दूसरों को दिखाने के लिए या अपने माता-पिता की खुशी के लिए सपने देखते हैं ,लक्ष्य बनाते हैं , और उन्हें पाने में जुट जाते हैं किंतु हम ये सोचते ही नहीं कि क्या वाकई में, मैं इस लायक हूं या मैं इतनी क्षमता रखती हूं कि इसे पा सकूं।


आप खुद सोचिए क्या यह संभव है कि 10 अफसरों की कुर्सियों पर 50,000 लोगों को बैठाया जाए। नहीं ना फिर भी हर वर्ष लाखों लोग इन प्रतियोगी परीक्षाओं में अपनी किस्मत आजमाते हैं , कुछ यह सोचते हैं कि तुक्का  लगा कर आ जाएंगे शायद सही निकल जाए । कुछ तो केवल दोस्तों की देखा देखी भर देते हैं पर उन सब में कुछ विरले  ही होते हैं , जो यह ठान कर जाते हैं उन्हें परीक्षा पास करनी ही है और ऐसे लोग ही सफलता पाते हैं।
                          किंतु यहां बाकी लोगों को कैसे समझाएं कि सबकी अपनी-अपनी काबिलियत ,अपनी क्षमता है ,अपना हुनर होता है ,उसे पहचान और उसी क्षेत्र में अपना करियर बनाओ।
 क्या हो गया है हमारी मानसिकता को ?
                 हम कुछ अलग करने की हिम्मत ही नहीं करते दरअसल बात यह है कि हम डरते हैं असफलता से । हम डरते हैं निर्णय लेने से । हमें हमेशा यह डर सताता रहता है कि यदि मैं असफल हो गई तो लोग क्या कहेंगे ?  सब मेरे बारे में क्या सोचेंगे !बस इसी वजह से हम जीवन में आगे नहीं बढ़ पाते। अपनी जिंदगी के छोटे-बड़े हर  निर्णय अपने माता-पिता पर छोड़ देते हैं जो कि गलत है । हम अपनी बुद्धि अपने विवेक का प्रयोग करना ही भूल जाते हैं।  हम हमेशा किसी चमत्कार की आस लगाए बैठे रहते हैं कि कोई आएगा और हमें आसान उपाय बताएंगा । जिससे हमारी जल्दी से कोई नौकरी लग जाए या हम अपने कार्य में सफल हो जाए।
                               इसीलिए तो आज ज्योतिष और पंडितों का व्यापार बढ़ता जा रहा है जैसे ही टीवी ऑन करो सुबह-सुबह हर न्यूज़ चैनल पर पंडित अपने दुकान लगाए बैठे मिल जाएंगे ।
अरे भाई ! ईश्वर ने सबको बुद्धि दी हैं। उसका उपयोग करो , अपने दिमाग से सोचो कि आज से 10 वर्ष बाद में अपने आप को किस मुकाम पर देखना चाहती हूं । आखिर मैं किस पद पर अपने आपको देखना चाहती हूं । मेरे मरने के बाद लोग मुझे किस तरह याद करेंगे ? बस जवाब मिल जाएगा और फिर उसी को अपने जीवन का लक्ष्य बनाकर अर्जुन की तरह उसमें जुट जाए।

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