बाबुल की चिड़िया
अब बाबुल की चिड़िया बड़ी हो गई है , अकेले सफर पर निकल पड़ी है , आज निकली हैं, अपने घोंसले से अकेली अनजाने लोगों के बीच नए सफर की शुरुआत हैं, थोड़ा डर है थोड़ी झिझक है लेकिन एक नया आत्मविश्वास है आप पीछे मुड़ने का कोई सवाल नहीं अब आगे कदम बढ़ाते जाना हैं , खुद को आने वाली कठिनाइयों से बचाना है सम्हल सम्हल कर कदम बढ़ाना हैं सपनों को पूरा करते जाना हैं ना झिझकना हैं ना डरना हैं बस विश्वास से आगे बढ़ना हैं। हौसला बुलंद रखना है